उल्टी चली हवा क्यो ?
(तर्ज: घरघर में ट्विली है मेरे... )
उल्टी चली हवा क्यों ? यह किसने बहादी है ? ।
मालिक है कौन इसका,और किसने बनादी है?।।टेक।।
सच बोलनेसे मरते ऐसा समझ बहा है ।
आता है अनुभव भी, वह नीति ही कहाँ है ।
मालूम नहीं पडता, बरबाद अबादी है । उलटी0।।१।।
विश्वासघात करना, यह शील बडा जगमें ।
किसके न काम आना, यह शौक चढा जगमें ।
मतलबकि हुई दुनिया, यह किसने धुना दी है। उलटी 0।।२।।
आवाज नहीं मिलती, मरते भी गरीबों को ।
सब ख्याल - तमासों में, बहला रहे है जी को ।
तुकड्या कहे, ऐ ईश्वर ! ले-ले जरा सुधी है । उलटी0 ।।३।।