किसने कृष्ण कहाँपर देखा ?

         (तर्ज: कृपेचे ज्ञानांजन भरवा. .)
           किसने कृष्ण कहाँपर देखा ?
           श्यापसलोना    जी   का  ।।टेक ।।
करमें है अति मधुर बाँसरी, मीठा नाद अनोखा ।
बाल गोपालके रंगमें घूमत, प्यारा है गोपिनका ।।१।।
जमुना -तटपर सब मिल खेले,भेद खोलकर जीका ।
गौएँ मन मोहित हो बैठी, भूली ख्याल सभीका ।।२।।
अर्जुन को गीता बतलायी, सत्पथ आजादीका ।
असुरनका भय दूर कराकर,तोड दिया घर मैं का ।।३।।
बीरोंकी हिंमत दे दीन्ही, द्रोह न   करो   किसीका ।
तुकड्यादास रँगा इस रँगमें, कह गये मंत्र खुशीका ।। ४।।