उठो जवानो ! करके बताओ,कहनेके दिन गये
(तज; रागे कशाला अलि मधे...)
उठो जवानो ! करके बताओ,कहनेके दिन गये।।टेक ।।
बाते बताना कोइ नहिं सुनता,अब तो बदल गयी है जनता ।
रंग हुये सब नये, हुये सब नये, हुये सब नये0 ।।१।।
मजदुरोंसे प्रेम लगाओ, सोये किसानी को जगवाओ |
बहि तो नेता भये, नेता भये, नेता भये0 ।।२।।
छूआछूत अछूतो सँगमें, अबके नहीं रहेगी जगमे ।
सभी बराबर रहे, बराबर रहे, बराबर रहे0 ।।३।।
देहातोंमें जो घूमेगा, वही सभीका प्यारा होगा।
काम करन को चहे, करन को चहे,करन को चहे0।४।।
गरिब-अमीर बराबर जाने, वहि होंगे प्यारे दुनियामें ।
सबको अपना कहे, अपना कहे, अपना कहे0 ।।५।।
धर्म कर्म की मेख गडावे,नीति न्याय की ध्वजा उठावे ।
वहि सबको प्रिय रहे, वहि प्रिय रहे, वहि प्रिय रहे0।६।।
यह दुनिया अब उसकी दासी, जो घर-घरकी लेत तलाशी ।
और सहारा दिये, सहारा दिये, सहारा दिये0 ।।७॥।
तुकड्यादास कहे कही मानो,बदली दुनियाको पहिचानो
सदा हुशारी रहे, हुशारी रहे, हुशारी रहे0।।८।।