मनशाको पूरी करना, तेराही काम बाबा !
(तर्ज : गजल ताल तीन)
मनशाको पूरी करना, तेराही काम बाबा ! ।
भव-जालसे तिराना, तेराही काम बाबा ! ।।टेक।।
आशामें मर गये हम, नहिं दूसरा जपाना ।
पापीको पास धरना, तेराही काम बाबा ! ।।१।।
विषयोंमें भूल पाये, ईश्वर न याद कीन्हा ।
कालोंसे पार करना, तेराही काम बाबा ! ।।२।।
भूलेही फिर रहें हम, दुनियाकि लालचोंमें ।
अंधेको आँख देना, तेराही काम बाबा ! ।।३।।
जमराजकी गुहामें, दिनरात हम पडे हैं।
यहाँसे उतार लाना, तेराही काम बाबा ! ।।४।।
यह प्यास खास दिलकी, मेरी मिटा रहे हो l
तुकड्याको दास करना, तेराही काम बाबा ! ।।५।।