काल छातीपे आके तैयार है

(तर्ज : नागनी जुल्फोंपे दिल... )
काल छातीपे आके तैयार है ।
लेके चलनेको तुझको सवार है ।।टेक।।
चलके दे दे जो देना हो साथी उसे ।
क्या है नेकी या बद्दी ? सो कह दे उसे ।
कीये कर्मोंका देगा वह बार है ।।१।।
क्या किया और करना है ? कह दे गडी ! ।
बाँध अपनी कमर, कूद, मत खो घडी ।
ना झुठाई वह छुपती हुशार ! है ।।२।।
बालपन तो गमाया है खेला भला ।
फिरके कीन्हा जवानीमें मेला भला ।
बूढ़ेपनमें करेगा क्या  कार है ? ।।३।।
अबके थोरी रही  है बची जो सधा ।
नहि तो आखिर रहेगा गधा का गधा ।
कहता तुकड्या होजा जमके पार है ।।४।।