क्या कोइ है ऐसा ग्यानी ? जिसने तन तीरथ जानी
(तर्ज : भले वेदांत पछाने हो... )
क्या कोइ है ऐसा ग्यानी ? जिसने तन तीरथ जानी ।।टेक।।
पंच तत्वका मकान जिसमें, तीन लोकका बासा ।
एकबीस पहरीके ऊपर उसका रहे निवासा ।।१।।
पंच कोशकी अंदर कुटिया, सुंदर कारागारी ।
नौ दरवाजे दशवी खिडकी, शोभा न्यारी न्यारी ।।२।।
सात रंगके काँच लगाये, सातों झुंबरमाँही ।
अजब वहाँकी गहरी नदियाँ, गंगा -जमुना भाई ! ।।३।।
झिलमिल झलके रोशन जिसमें, दीन नही है रैना ।
कहता तुकड्या जिसने जाना, वही संत निर्बाना ।।४।।