कमाई ऐसी करता है और जमके घर भरता है ।
(तर्ज : भले बेदांत पछाने हो...)
कमाई ऐसी करता है और जमके घर भरता है ।।टेक।।
भजन पुजन तो करे बडा पर, दुखसे क्यों डरता है ? ।
प्यासेको नहि देता पानी, मैं साधू कहता है ।।१।।
शिष्यजनोंकी सेवा लेकर, मौज बड़ी करता है ।
लोगोंको क्या ग्यान बताता ? तूही तो मरता है ।।२।।
देख तुका का भजन रंगमें, अपने तनको भूला ।
विठ्ठल विठ्ठल कहते कहते फना किया सब चोला ।।३।।
ऐसा भजन कियाकर प्यारे ! जिससे जम डर जावे ।
कहता तुकड्या प्रभू-भजनबिन, काहे ढोंग बतावे ?।।४।।