किसने चैन सिखाया है ?

(तर्ज : संगत संतनकी करने...)
किसने चैन सिखाया है ? सभी घर-माल बिकाया है ।।टेक।।
बालापनमों सोबत लागी, ठाठ दिखाया है ।
खावे माल चटूरा फिरके, कर्ज बढाया    है ।।१।।
विषय -जालमें पैसा खोया, फिरके रोया है ।
बाप-बडोंने खेत कमाया, मोल बिकाया है ।।२।।
आखिर होकर फकीर झोली, काँधे लगाया है ।
घर घर माँगे भीख, आखरीमें पछताया  है ।।३।।
कहता तुकड्या झूठे जनके, सँगसे पाया है ।
अब क्या होता बखत गयेपर ? क्यों तू सोया है ? ।।४।।