आसामी भाई के खातिर
(तर्ज : हरिका नाम सुमर नर...)
( समर गीत )
आसामी भाई के खातिर, धीर दिलाने आये हम ।
हिंमत मत छोड़ो संकटमें,विजय इसीमें पाये हम ।।टेक॥
शत्रूने हमला करके, जगमें खुद बदनामि किया ।
बुरा नतीजा होगा इसका, उसको कर दिखलाये हम।।1।।
बच्चा-बच्चा. साथ तुम्हारे, लडनेको इस दुष्मनसे।
कायर बनके नहीं रहेंगे, या तो सब कट जायें हम ।।2 ।।
जिस भारतने ज्ञान दिया, वह रहन-सहन इन्सानीका ।
उसीपर गोलीबार चलाना, नीति तुम्हारी पाये हम ।।3 ।।
आसामी, बंगाली, हिमालय नहीं छोडेंगे-याद रखो ।
तुकड्यादास कहे, अब लडलो, गरज-गरज बतलाये हम ।।4।।