आगे चल नौजवान, आगे चल,समय नहिं है रुकनेका।

(तर्ज: रुक जाओ जामेवाले रुक जा...)

आगे चल नौजवान, आगे चल,समय नहिं है रुकनेका।
नौजवान रुक के भला नहीं, बखत पड़ेगा झुकनेका।।टेका।
समझाहि नहीं तूने, इस देशकि भलि बातें।
परदेश गुलामी में सालोंसे बिते हम थे।। आगे0।।१।।
कुछ किस्मत ऊँच उठी, एक मस्त मिले हमको।
शांतिकि दुवा देकर, आजाद किया हमको।।आगे0।।२॥
आजाद हुए अब हम, आबादी बनाना है।
अपने ही पेरोंपर, यह मुल्क उठाना है ।। आगे0।।३।।
मत आँख लगा अपनी, जिन्दगी खतम होगी।
कहे तुकड्या सुन प्यारे, चल चाल वो बीरोंकी।।आगे 0।।४।।