तुकड्यादास
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भजन
1
काहेको दुःख उठाता रे भाई !
2
काहेको पहनी है माला रे भाई
3
काहेको प्यारे ! भटकत फिरता ?
4
काहेको बन बन बिचरत भाई !
5
काहेको भटक नर मरता है
6
काहेको हरदम बाचत पोथी ?
7
कितना कुटिल कुजाति अरे मन !
8
कितना तुझको समझाऊ ए मन !
9
कितना तुझको समझाऊँ, ए मन ! नहिं बात सुने तन तारणकी
10
कितना तुझको समझाऊँ, ए मन ! नहिं बात सुने तन तारणकी
11
कितना तुझे सुनाऊँ ? सुनता न है पियारे !
12
कितनि देर बैठे यहाँ
13
कितनी दवा चढाऊँ, जब यह बुखार जावे ?
14
कितने साधू आये, ग्यान, सुनाये
15
किति उत्तम , सुंदर मंदिर हे
16
किति गोड तुझी गुणगाथा
17
किति गोड तुझी मुरली कान्हा ?
18
किति गोड बंसरी प्यारी मन मोहूनि ने गिरिधारी
19
किति तरि गोड तुझे हरि ! नाम
20
किति प्रेमळ रुप तुझे गमते ?
21
किति बघशि अंत आमुचा ? श्रीहरी !
22
किति वाटे मधुर हा ध्वनी! वेणु वाजे कुणाची वनी?
23
किति शांत उदात्तहि मूर्ति तुझी ।
24
किति सांगती, संत तुला बोध ।
25
किति सुंदर चंद्र मनोहर हा
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