भजन

क्रमांक भजन
1 कसा निभवशी काळ कळेना, मज सद्गुरु माते !
2 कसा सावधान काळ मारतो हाका
3 कसा हरि ! स्वस्थ तू आता ?
4 कसाया वाचता भाराभर पोथी
5 कसे करु ध्यान , मन स्थिर जरा राहिना !
6 कह दो हमारा उनसे सन्देशा,
7 कहना मत मानो साधूका, आखिर मारिया रे !
8 कहना मत मानो साधूका, सुनलो बात यह प्यारे !
9 कहा करते है साधूजन भरा तूही सभी घटमें
10 कहा चला इन्सान !
11 कहाँ ईश्वर न मालुम बे ! परखता देव फिरता है
12 कहाँ ईश्वर पडा बंदे ! भटकता भौंर फिरता है
13 कहाँ किसने देखा, कहाँ किसने देखा
14 कहाँ गये प्यारे राम !
15 कहाँ गाफिल पडा सोया ? यहाँ सब चोरकी नगरी
16 कहाँ घूम रहा, कहाँ घूम रहा ?
17 कहाँ ढूँढ देखूँ, प्रभू ! नूर तेरा
18 कहाँ दिवाली रही देशमे ?
19 कहाँ देखूँ, कहाँ देखूँ, कहाँ देखूँ प्रभू मेरा ?
20 कहाँ बताऊँ मैं गर्ज अपनी
21 कहाँ बताओ गिरिधारी
22 कहाँ हाथ पकडोंगे दुनिया का बाबा, जीने में भी तोबा और -मरने में भी तोबा
23 कहाँतक करते हो बाता
24 कहाँतक ढूँढ फिरूँ ? प्यारेको मेरे
25 कहाँतक तुमको समझाऊँ ?