भजन

क्रमांक भजन
1 क्यों मरने घबडाता बन्दे, मरना एक खुशाली है ! !
2 क्यों मोसे बोलत नाहि ? मुरारी
3 क्यों सो रहा दिवाने ! उमरी सभी गमाता
4 क्यों सो रहा दिवाने ! उमरी सभी गमाता
5 क्यों! दिनपर दिन गिरता है, तू मानवधर्म गमाता है ।
6 क्योंकर भटक रहा है, भारत वतन हमारा ?
7 क्योंकर रूठ गये गिरिधारी ?
8 क्रांतीची ऐका भेरी , जी चुकतची नाही या भूवरी
9 क्रोध - मोह - भय - धुंदी ज्यासी
10 क्रोध जिसमें है भरा उसे बोधका नहि योग है
11 क्रोध नका करू तापेल शरीर
12 क्रोध है जिनमें भरा, उन्हें बोधका नहि योग है
13 क्रोधियासी करू नये बोध
14 क्षण एक धरीना धीर, कसे मन हे बावरे ।
15 क्षण नाही भरवसा l अंती काळ नेईल कैसा
16 क्षणभरि बोल जरा मधुसुदना !
17 क्षणी वाटे अनुताप I
18 क्षणीक हे श्रीमंती-वैभव, त्यागा गुरुपायी ।
19 क्षणोक्षणी मन आवरावे ज्ञाने
20 क्षीरसागरी बैसोनी
21 क्षुद्राचेही क्षुद्र केले नारायणे
22 क्‍या किया, क्या किया क्या कियारे ?
23 क्‍या चतुर बकते बाता !
24 खंजेडी! खंजेडी!! मेरी रोज बजेगी खंजेडी।।टेक ।। सुनने वाले आओ न आओ ।
25 खचित माझा भरोसा रे !