भजन

क्रमांक भजन
1 उन्हींकि दुनिया बँधी हुई है
2 उपासना काय करी I
3 उभा का मंदिरी रामा ! पहा बाहेर येवोनी
4 उभा सामुरी मी तुझ्या दर्शनाला
5 उभारील्या अंगी रोमरोमी
6 उमगलं, उमगलं, उमगलं जगाचं कोडं
7 उमगले , उमगले , उमगले जगाचे कोडे
8 उमेचा रमण स्वामी सत्य माझा
9 उरले ते भोगू नाही आस दुसरी
10 उलटकर देखले उसको
11 उलटकर देखले उसको
12 उलटली स्थिती शास्त्र झाले खोटे
13 उल्टी चली हवा क्यो ?
14 उस यारके दीदारसे, अरमाँ निकल गया
15 उसिको बोध बखानो साधो !
16 उसिने ईश्वर देखा भाई !
17 उसीका सफल है जीना, जन्म लेना
18 ऊँचा फडक रहा है भगवा निशान
19 ऊँचा मकान तेरा, कैसी मजल चढूँ मैं ?
20 ऊँचा संतनका अधिकार
21 ऊँचा है तेरा मकान । साधो भाई !
22 ऊँचि है प्रभुकी जगह, पहुँचे न कोई दूसरा
23 ऊँची हवेली से क्या बोलता है ।
24 ऊठ ऊठ भारता ! आळसी होऊनि
25 ऊठ ऊठ सेवका ! साधका !